सब्सिडी पर ब्रेक

इस साल हज यात्रा पर जाने वाले लगभग दो लाख यात्रियों को रियायत अब नहीं मिलेगी. केंद्र सरकार ने इस सब्सिडी को बंद करते हुए कहा है कि वह मुस्लिम समुदाय के लोगों को बिना तुष्टीकरण के सशक्त बनाना चाहती है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सब्सिडी का पैसा मुस्लिम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2018 12:43 AM
इस साल हज यात्रा पर जाने वाले लगभग दो लाख यात्रियों को रियायत अब नहीं मिलेगी. केंद्र सरकार ने इस सब्सिडी को बंद करते हुए कहा है कि वह मुस्लिम समुदाय के लोगों को बिना तुष्टीकरण के सशक्त बनाना चाहती है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सब्सिडी का पैसा मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की शिक्षा पर खर्च किया जायेगा.
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई सरकार मुसलमानों को मुख्य धारा में लाना चाहती है, वह भी बिना किसी भेदभाव के? यदि हां, तो सरकार क्यों नहीं 2002 में आये सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करती है? इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मुस्लिम समुदाय दलितों से भी ज्यादा पीछे हैं, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो या फिर सरकारी नौकरी की बात हो.
हज सब्सिडी अब नहीं मिलेगा, जबकि चार महाकुंभ मेले में सरकार लगभग चार हजार आठ सौ करोड़ रुपये खर्च करती है. कैलाश मनसारोवर यात्रा में सरकार डेढ़ लाख रुपये प्रति व्यक्ति का खर्च करती. अगर मोदी सरकार नेक दिल से मुस्लिम समुदाय का सशक्तीकरण करना चाहती है, तो प्रधानमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद.
असलम आजाद, गोड्डा

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