किसान ठगा महसूस कर रहा है
प्रधानमंत्री ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का भरोसा दिलाया था. अब बजट पेश होने वाला है. लेकिन हर समय किसान ठगा जा रहा है. उनकी आमदनी दोगुना होना तो दूर, अभी तक दो वर्ष की रिपोर्ट भी आधी अधूरी है. प्रधानमंत्री ने 2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने की प्रणाली विकसित की थी, […]
प्रधानमंत्री ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का भरोसा दिलाया था. अब बजट पेश होने वाला है. लेकिन हर समय किसान ठगा जा रहा है. उनकी आमदनी दोगुना होना तो दूर, अभी तक दो वर्ष की रिपोर्ट भी आधी अधूरी है. प्रधानमंत्री ने 2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी करने की प्रणाली विकसित की थी, इसके लिए डबलिंग फार्मर्स इनकम कमिटी का गठन किया था.
परंतु इसमें शामिल होने के बाद भी कमेटी कुछ भी नहीं कर सकी. अंग्रेजी भाषा में लिखी रिपोर्ट किसान को समझ में आनेवाली नहीं है. समर्थन मूल्य नहीं मिलने से किसानों फसल को सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं. उनकी माली हालत बदतर है. उनको सबसे ज्यादा उम्मीद मोदी से है. कृषि दर 10.04 फीसदी होनी चाहिए मगर 1. 9 पर ही सिमट कर रह गयी है. किसानों को इस बजट में रियायत दी जानी बहुत जरूरी है.
कांतिलाल मांडोत, इमेल से