मोदी विरोधियों की बढ़ती बेचैनी

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव अपने अगले चरण की ओर बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, बदतर विदेश नीति जैसे मसले दबते जा रहे हैं और सब कुछ मोदी बनाम बाकी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गया है. कांग्रेस का कहना है कि गुजरात में विकास नहीं हुआ है और एनडीए छोड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2014 5:07 AM

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव अपने अगले चरण की ओर बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या, बदतर विदेश नीति जैसे मसले दबते जा रहे हैं और सब कुछ मोदी बनाम बाकी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गया है. कांग्रेस का कहना है कि गुजरात में विकास नहीं हुआ है और एनडीए छोड़ सभी यही कह रहे हैं कि देश में मोदी की लहर नहीं है.

अगर सचमुच लहर नहीं है, तो नरेंद्र मोदी को लेकर उनकी विरोधी पार्टियों में इतनी बेचैनी क्यों है? यदि विकास गुजरात में नहीं हुआ है, तो कहां हुआ है? तमाम विकास सूचकांक गुजरात को अव्वल मान रहे हैं, फिर इस लहर को मानने से इतना परहेज क्यों? यदि यूं ही आरोपों की राजनीति होती रही, तो देश का भला नहीं हो सकता. बेहतर यही होगा कि विरोधी पार्टियां झूठी बयानबाजी और टिप्पणियां छोड़ अपने आनेवाले बेहतर भविष्य के लिए कामना करें.

दिनेश गुप्ता,

ई-मेल से

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