देश में चल रहे सबसे बड़े अभियान ‘स्वच्छता अभियान’ को सफल बनाने में भारतीय पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसने हर दिन कोई-न-कोई गांव, पंचायत , प्रखंड या जिले में बनाये गये शौचालय को ढूंढ निकाला और आम लोगों को जागरूक करने का प्रयास लगातार करते रहे हैं.
कल ही एक अखबार में सिमडेगा (झारखंड) की ब्रांड एंबेसडर बनी दोरोथिया केरकेट्टा की शौचालय निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका को पढ़ते हुए प्रेरित हुआ. ऐसे में मेरा सवाल कुछ मुखिया, ग्राम पंचायतों और अधिकारियों से है कि जब हम आम लोग अखबार पढ़ के प्रेरित हो जाते हैं, तो आप लोग क्यों नहीं? आप क्यों नहीं चाहते कि मेरे गांव के हर घर में शौचालय हो? मेरा भी गांव, प्रखंड व जिला का नाम स्वच्छता में उत्कृष्ट पायदान पर हो? अगर आप प्रेरित होंगे, तो सूरत बदलते देर नहीं लगेगी.
मनीष राजन किसगो, इमेल से