जातियों के जाल में न उलझाएं

खबर पढ़ कर काफी शॉक लगा कि झारखंड के विधायक समाज के लिए काम करने के बजाय कुर्मी जाति को एसटी का दर्जा देने के लिए प्रयासरत हैं. यदि एक-एक कर सभी जातियां एसटी-एससी जाति में शामिल होने लगेंगी, तो फिर एससी-एसटी को जिस आधार पर आरक्षण दिया गया है, उसकी जरूरत ही नहीं रह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2018 3:46 AM
खबर पढ़ कर काफी शॉक लगा कि झारखंड के विधायक समाज के लिए काम करने के बजाय कुर्मी जाति को एसटी का दर्जा देने के लिए प्रयासरत हैं. यदि एक-एक कर सभी जातियां एसटी-एससी जाति में शामिल होने लगेंगी, तो फिर एससी-एसटी को जिस आधार पर आरक्षण दिया गया है, उसकी जरूरत ही नहीं रह जायेगी.
एससी-एसटी जातियों को समाज के संदर्भ में उत्थान करने के लिए ही उन्हें संविधान के माध्यम से आरक्षण दिया गया, परंतु यदि बाकी जातियों को भी एससी या एसटी में शामिल कर लिया जायेगा, तो फिर यह समुदाय समाज में पिछड़ा ही रह जायेगा.
सरकार से यह कहना चाहता हूं कि हमारे संविधान के द्वारा जिन जातियों को जो अधिकार और जो आरक्षण दिया गया है, उसमें कोई बदलाव न करें एवं पिछड़ी जातियों को भी आगे बढ़ने का मौका दें. प्रदेश के विधायकों से निवेदन है कि समाज को जातियों के जाल में न उलझाएं, बल्कि समाज के उत्थान के लिए काम करें.
दीपक कुमार, इमेल से

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