पाकिस्तान का दिखावा

पाकिस्तान समझ रहा है वह होशियार है. जमात-उद-दावा एवं फलाह-ऐ-इंसानियत जैसे तंजीमों पर नकेल कसने का एलान करता है, वह भी अध्यादेश लाकर. पैसों की कमी अच्छे अच्छों का कमर तोड़ कर रख देता है. उसकी अर्थव्यवस्था बहुत हद तक अमेरिका के मदद पर निर्भर है. आतंकवादियों से लड़ने के नाम पर भी अतिरिक्त आर्थिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2018 6:49 AM

पाकिस्तान समझ रहा है वह होशियार है. जमात-उद-दावा एवं फलाह-ऐ-इंसानियत जैसे तंजीमों पर नकेल कसने का एलान करता है, वह भी अध्यादेश लाकर. पैसों की कमी अच्छे अच्छों का कमर तोड़ कर रख देता है. उसकी अर्थव्यवस्था बहुत हद तक अमेरिका के मदद पर निर्भर है.

आतंकवादियों से लड़ने के नाम पर भी अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलती है. ये सारी आर्थिक सहायता अब बंद होने के कगार पर है. इसलिए ऐसी घोषणा करना उसकी मजबूरी है. दूसरी ओर इसी रविवार को पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्यदल की बैठक होने वाली है.

वहां भी उसपर दंडात्मक कार्रवाई होने की पूरी संभावना है. इस बार लगता नहीं है कि चीन उसे बचा पायेगा क्योंकि इस जगह उसका वीटो पावर काम नहीं आनेवाला. आतंक एवं धार्मिक कट्टरपंथ पाकिस्तानी सेना एवं सरकार में गहरी पैठ बना चुका है. ऐसे में आर्थिक सहायता को रोकना ही सरकार को आतंकी नीति से दूर कर सकता है.

जंग बहादुर सिंह, इमेल से

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