शादी मुबारक इमरान भाई!
II अंशुमाली रस्तोगी II व्यंग्यकार मैंने एक स्टेटस डाला- ‘इमरान (भाई) खान को तीसरी शादी मुबारक.’ बस इतना लिख मैंने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया ही था कि मुझे तरह-तरह के ताने दिये जाने लगे. पहली आपत्ति तो लोगों को यही थी कि मैंने पड़ोसी (दुश्मन) मुल्क के किसी बंदे को मुबारक दी ही […]
II अंशुमाली रस्तोगी II
व्यंग्यकार
मैंने एक स्टेटस डाला- ‘इमरान (भाई) खान को तीसरी शादी मुबारक.’ बस इतना लिख मैंने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया ही था कि मुझे तरह-तरह के ताने दिये जाने लगे. पहली आपत्ति तो लोगों को यही थी कि मैंने पड़ोसी (दुश्मन) मुल्क के किसी बंदे को मुबारक दी ही क्यों? इस खबर को इग्नोर क्यों नहीं किया? एक सज्जन ने पूछा कि तीसरी शादी की भी क्या कोई मुबारकबाद देता है? एक और सज्जन ने लिखा- शादी एक पवित्र बंधन है. इमरान खान ने तीन शादियां कर इस पवित्र बंधन का मजाक उड़ाया है.
किस्सा-कोताह यह कि किसी को भी इमरान भाई का तीन शादियां करना जंचा नहीं. न जंचे, न पसंद आये. इससे उनकी सेहत पर तो फर्क पड़ने से रहा. वैसे भी, शादी करना या दो या तीन करना यह तो बंदे का नितांत निजी फैसला है. भला हम या आप कौन होते हैं अगले को रोकने-टोकनेवाले! फिर, कोई न कोई वजह तो रही ही होगी न, जो इमरान भाई को तीसरी शादी का विकल्प चुनना पड़ा. इतनी महंगाई के जमाने में भला कौन खुद पर अतिरिक्त खर्चे लादना चाहेगा! इस बात पर जरा ठंडे दिमाग से विचार कीजिये.
यों, शादी करना कोई गुनाह तो नहीं! मेरा बचपन से मानना रहा है, जब तलक सांसे चलती रहें बंदे-बंदी को अपना दिल जवान रखना चाहिए. दिल में आपके जितनी जगह होगी, उतना मानसिक सुकून भी हासिल होगा. इमरान भाई जैसे लोग भी हैं दुनिया में, जो तीन शादियां कर अपने दिल और जज्बात को जवान रखे हुए हैं.
कुछ लोग इमरान भाई की उम्र पर भी बेवजह सवाल उठा रहे हैं. शादी से उम्र का क्या मतलब? इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है, जिनमें उम्र के बंधन को दर-किनार कर शादियां की गयी हैं. अभी हाल ही में हमारे यहां कबीर बेदी ने भी तो अपनी उम्र से बेहद कम उम्र की लड़की से शादी की थी. तब भी कई सवाल उठे थे. अरे भाई, ‘जब मियां-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी!’
किसी को हो या न हो पर मुझे तो इमरान भाई की शादी पर गर्व है. जिस स्टेज में लोग अपनी तमाम जिम्मेदारियों से निजात पा चुकने के करीब या फिर ऊपर जाने की तैयारियों में अस्त-व्यस्त होते हैं, उस स्टेज पर इमरान भाई ने शादी करके संसार में एक ‘ऊंची मिसाल’ पेश की है. साथ ही, यह सीख भी है उन लोगों के लिए, जो एक शादी को ही जी का जंजाल समझ बैठते हैं.
मेरा निजी मत है कि आदमी को जीवन में शादी के लिए दो-चार विकल्प तो रखने चाहिए ही. आजकल जमाना बहुत दुष्ट हो चला है. किसके पेट में क्या है, कुछ पता नहीं. कौन, कब, कहां ‘गच्चा’ दे जाये. सो, अपनी खुशहाली अपने हाथ.
सुना है, इमरान भाई की बीवी उनकी ‘आध्यात्मिक गुरु’ भी हैं. ऐ खुदा! ऐसी आध्यात्मिक गुरु जिंदगी के किसी मोड़ पर मुझे भी मिले. आमीन!