सबका स्वस्थ होना भी जरूरी है

यह विडंबना है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं नगण्य है. विशेषकर ग्रामीण इलाकों की स्थिति चिंताजनक है. झारखंड में तकरीबन 4000 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं, जिनमें से कुछ उपकेंद्रों पर एएनएम कार्यरत हैं. शेष में ताले लटके हुए हैं. इन केंद्रों पर चिकित्सकों की पदस्थापना नहीं की जाती, अपितु सप्ताह में एक दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2018 7:03 AM

यह विडंबना है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं नगण्य है. विशेषकर ग्रामीण इलाकों की स्थिति चिंताजनक है. झारखंड में तकरीबन 4000 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं, जिनमें से कुछ उपकेंद्रों पर एएनएम कार्यरत हैं.

शेष में ताले लटके हुए हैं. इन केंद्रों पर चिकित्सकों की पदस्थापना नहीं की जाती, अपितु सप्ताह में एक दिन इन उपकेंद्रों पर जाना अनिवार्य होता था. चिकित्सा पदाधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने को इच्छुक नहीं होते हैं. वर्तमान में केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से कम्युनिटी हेल्थ का साढ़े तीन साल के कोर्स की शुरुआत रांची व हजारीबाग में किया गया है. वास्तव में अगर सरकार चहुंमुखी विकास के लिए दृढ़ संकल्प है, तो सबका साथ सबका विकास के साथ ही सबका स्वास्थ्य की संकल्पना से आगे बढ़ना होगा.

एमइएच अंसारी, मधुपुर, देवघर

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