मूल आदिवासियों का क्या होगा

आज हर कोई आरक्षण पाने के लिए आदिवासी का दर्जा हासिल करना चाह रहा है. कई समुदाय तो ऐसे हैं, जिन्हें पहले से ही किसी-न-किसी रूप में आरक्षण प्राप्त है, इसके बावजूद ये आदिवासी बनना चाह रहे हैं. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर मूल आदिवासियों का क्या होगा? क्या इसके बाद उनका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2018 7:04 AM
आज हर कोई आरक्षण पाने के लिए आदिवासी का दर्जा हासिल करना चाह रहा है. कई समुदाय तो ऐसे हैं, जिन्हें पहले से ही किसी-न-किसी रूप में आरक्षण प्राप्त है, इसके बावजूद ये आदिवासी बनना चाह रहे हैं.
ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर मूल आदिवासियों का क्या होगा? क्या इसके बाद उनका हक सुरक्षित रह पायेगा? क्या आदिवासी समुदाय सामाजिक आर्थिक रूप से इतने सशक्त हो पाये हैं कि वे इन नये समुदाय से प्रतिस्पर्धा कर पाएं? यह दर्शाता है कि आदिवासी समुदाय अभी भी सामाजिक आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है और इस वर्ग में आकर नये समुदाय आरक्षण का अधिक फायदा उठा सकते हैं.
ऐसे में डर है कि जिस झारखंड राज्य का निर्माण ही आदिवासी समाज के विकास हेतु किया गया था, क्या वह पूरा हो पायेगा? सरकार को किसी भी समुदाय को आदिवासी का दर्जा देने से पूर्व इन सवालों पर भी जरूर विचार करना चाहिए.
संदीप सोरेन, दुमका

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