20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पहाड़ों के लिए विकास मॉडल बदलें

जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है. अभी सरकार के समक्ष सबसे बड़ा सवाल है इस क्षेत्र के लिए विकास की नयी रणनीति किस तरह की होनी चाहिए? इस सवाल पर विचार करते समय सरकार को पूरे हिमालयी परिदृश्य को ध्यान में रख कर विचार करना होगा. साथ ही इस क्षेत्र के […]

जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है. अभी सरकार के समक्ष सबसे बड़ा सवाल है इस क्षेत्र के लिए विकास की नयी रणनीति किस तरह की होनी चाहिए? इस सवाल पर विचार करते समय सरकार को पूरे हिमालयी परिदृश्य को ध्यान में रख कर विचार करना होगा. साथ ही इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों-जंगल, जल और जैविक विविधताओं के साथ जैविक खाद्य पदार्थो को भी संरक्षित रखना होगा, ताकि विकास की कीमत हमें पर्यावरण क्षरण के रूप में न चुकानी पड़े. जिस तरह विकास के नाम पर उत्तराखंड के पहाड़ों के साथ खिलवाड़ हुआ है, अब सरकार को सचेत होना पड़ेगा. प्रकृति के तरफ से वह हमारे लिए बहुत बड़ी चेतावनी थी.

बिजली के लिए पहाड़ तोड़े गये, जिससे परिणामस्वरूप पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं और अपनी आधारभूत आवश्यकताओं के लिए जंगल पर निर्भर एक बड़ी आबादी को अपना आधार खोना पड़ा. इस तबाही के बाद अब तो यह साफ है कि सरकार को पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए एक अलग योजना बनानी होगी, जिससे हमारी प्रकृति को नुकसान न पहुंचे. नयी योजना में हमें विकास के लिए क्षेत्रीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देना होगा. सड़क और जलविद्युत परियोजनाओं में जंगलों को नुकसान न पहुंचे, इसका ध्यान रखा जाये. पहाड़ी इलाकों में पर्यटन की बजाय तीर्थयात्र आधारित विकास मॉडल बनाया जाये. होटलों के अनियंत्रित निर्माण पर रोक लगानी होगी . होटल के बजाय पर्यटकों को घर पर ठहराया जाये. इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि यहां के पर्यटन से स्थानीय लोग लाभान्वित हों. उदाहरण के तौर पर, लेह में सरकार ने घरों में ठहरने की योजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा दिया है.

अनिल सक्सेना, जमशेदपुर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें