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प्लास्टिक का उपयोग बंद हो

प्लास्टिक के आने से पहले हम जितनी भी चीजें अपने जीवन में उपयोग करते थे, वे सब ऐसी थीं, जिसका एक समय बाद क्षरण हो जाता था. प्लास्टिक ने इस समीकरण को हमेशा के लिए बदल दिया. प्लास्टिक की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उसका कभी क्षरण नहीं होता. कोई कीड़ा भी नहीं है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2018 7:19 AM

प्लास्टिक के आने से पहले हम जितनी भी चीजें अपने जीवन में उपयोग करते थे, वे सब ऐसी थीं, जिसका एक समय बाद क्षरण हो जाता था. प्लास्टिक ने इस समीकरण को हमेशा के लिए बदल दिया. प्लास्टिक की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उसका कभी क्षरण नहीं होता. कोई कीड़ा भी नहीं है, जो प्लास्टिक को खाता हो. कोई जीवाणु नहीं है, जो प्लास्टिक से पोषण पाता हो.

मूल रूप से प्लास्टिक पेट्रोलियम पदार्थों से बनता है और उसके पूरे रासायनिक संगठन की विशेषता यह होती है कि उसमें किसी भी तरह से ऑक्सीजन नहीं होती. इस कारण से जीवाणुओं के लिए वह बेमतलब है. प्लास्टिक की थैली को जलाने से जो गैसें निकलती हैं, वे किसी कागज जलाने से हुए कार्बन उत्सर्जन से ज्यादा विषैली होती हैं. इससे जितना जल्द हो, छुटकारा पा लेना चाहिए.

डॉ हेमंत कुमार, भागलपुर.

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