इवीएम की जगह मतपत्र

संघ के नेता राम माधव का यह कहना कि अगर सभी दल सहमत होंगे, तो चुनाव फिर मतपत्र से कराये जा सकते हैं. उनका यह कथन स्वागतयोग्य है. आखिर लोकतंत्र सभी की भागीदारी से चलता है. ऐसे में अगर किसी को आपत्ति हो, तो उसका निदान किया जाना आवश्यक है. कुछ लोगों का कहना है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2018 5:45 AM
संघ के नेता राम माधव का यह कहना कि अगर सभी दल सहमत होंगे, तो चुनाव फिर मतपत्र से कराये जा सकते हैं. उनका यह कथन स्वागतयोग्य है.
आखिर लोकतंत्र सभी की भागीदारी से चलता है. ऐसे में अगर किसी को आपत्ति हो, तो उसका निदान किया जाना आवश्यक है. कुछ लोगों का कहना है कि बैलेट पेपर वापस हमें पुराने युग में ले जायेगा. शायद उन्हें नहीं मालूम कि कई देशों ने इसे दुबारा अपनाया है. सबसे बड़ी बात कि विश्व में जिन 120 देशों में चुनाव होते हैं, उनमें से केवल 24 देशों में ही इवीएम से चुनाव होते हैं.
बाद बाकी सभी देश जैसे जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, हॉलैंड आदि देशों में आज भी मतपत्रों से ही मतदान होता है. ठीक है, जहां बूथ कैप्चरिंग का अंदेशा है, वहां ज्यादा सुरक्षा बल लगाया जा सकता है, मगर मशीनों में खराबी के कारण किसी एक ही पार्टी को वोट जाता रहे, तो यह लोकतंत्र को खत्म करने वाली बात है.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से

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