कानून में बदलाव दुर्भाग्यपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब एससी एसटी कानून के तहत किसी व्यक्ति की सीधी गिरफ्तारी नहीं हो सकती. अगर व्यक्ति सरकारी कर्मचारी है, तो उसे नियुक्त करने वाले अधिकारी की अनुमति आवश्यक है और अगर व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है, तो एसएसपी की अनुमति आवश्यक है. साथ ही अब अभियुक्त की जमानत पर भी पूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2018 4:58 AM
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब एससी एसटी कानून के तहत किसी व्यक्ति की सीधी गिरफ्तारी नहीं हो सकती. अगर व्यक्ति सरकारी कर्मचारी है, तो उसे नियुक्त करने वाले अधिकारी की अनुमति आवश्यक है और अगर व्यक्ति सरकारी कर्मचारी नहीं है, तो एसएसपी की अनुमति आवश्यक है.
साथ ही अब अभियुक्त की जमानत पर भी पूर्ण प्रतिबंध को हटा लिया गया है. यह फैसला वास्तव में अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके दुरुपयोग होने की आशंका के आधार पर यह फैसला दिया है.
परंतु यह कोई ठोस आधार नहीं है, क्योंकि भारतीय संविधान में ऐसे कई कानून मौजूद हैं जिनका कभी न कभी दुरुपयोग होता है जैसे महिला अधिकारों से संबंधित कानून. लेकिन यह देखना चाहिए कि यह कानून लोगों के लिए कितने आवश्यक हैं. यह कानून इस समुदाय के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार प्रदान करते हैं. यह बदलाव इनके मूल अधिकारों को नुकसान पहुंचायेगा.
संदीप सोरेन, दुमका

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