चंद हसीनों के खतूत

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार फेसबुक से डाटा चोरी पर मचे बवाल-सवाल पर एक मार्गदर्शिका जारी की गयी है, ताकि हर जिज्ञासु के प्रश्नों का समाधान हो सके… सवाल- फेसबुक को लेकर यह मारकाट क्यों हो रही है? जवाब- जिन लोगों को अपने खाये गये परांठों की अस्सी फोटू फेसबुक पर टांगने पर कोई एेतराज नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2018 4:59 AM
आलोक पुराणिक
वरिष्ठ व्यंग्यकार
फेसबुक से डाटा चोरी पर मचे बवाल-सवाल पर एक मार्गदर्शिका जारी की गयी है, ताकि हर जिज्ञासु के प्रश्नों का समाधान हो सके…
सवाल- फेसबुक को लेकर यह मारकाट क्यों हो रही है?
जवाब- जिन लोगों को अपने खाये गये परांठों की अस्सी फोटू फेसबुक पर टांगने पर कोई एेतराज नहीं है, उन्हें भी ऐसा लगता है कि उनके परांठों को जनसामान्य द्वारा देखा जाना उनके निजता के अधिकार का हनन है.
जो वस्त्रमुक्त फोटो डालते हैं, उन्हें तक आपत्ति है कि देखनेवालों ने उन्हें संस्कारी नजरों से नहीं देखा. यह उनके निजता के अधिकार का हनन है. कई लोग मूर्खता को भी निज अधिकार मानते हैं कोई और कर जाये मूर्खता, तो उन्हें अपनी निजता पर आक्रमण लगता है.
सवाल- पर मसला सिर्फ परांठों का नहीं है, बताया जा रहा है कि फेसबुक के डाटा से तो चुनाव जीते गये हैं, हारे गये हैं.
जवाब- फेसबुक नेताओं को यह सहूलियत दे देता है कि वह वोटरों के मनमाफिक झूठे वादे कर सकें. झूठे वादे करना आसान काम नहीं है.
रोटी, कपड़ा और मकान के वादों पर कई चुनाव जीते गये हैं, पर सबको रोटी नहीं मिली, सबको मकान नहीं मिला. अब सपनों में प्रमोशन हो गया है. पब्लिक को अब एप्पल फोन के वादे चाहिए. फेसबुक यह बताने में मदद करता है कि किस किस्म का झूठ पब्लिक को ज्यादा प्रिय है.
अगर कोई बंदा अपने फेसबुक खाते पर दनादन मोबाइलों का फोटू चेप रहा है, तो इसका मतलब है कि उसकी रुचि मोबाइलों में हैं. ऐसे व्यक्ति के निजी ईमेल पर वादा किया जा सकता है कि एप्पल फोन कंपनी की चेयरमैनशिप उसे दे दी जायेगी. यानी फेसबुक की मदद से हर अलग-अलग बंदे के लिए विशिष्ट झूठ बोलना संभव हो जाता है. अब तक तो नेता जनरल किस्म के झूठ बोलते रहे हैं.
सवाल- हमारे फेसबुक खाते से हमारे बारे में हर कोई सब कुछ जान सकता है क्या?
जवाब- जी वे बातें भी, जो आप इनबाॅक्स में दूसरों को दूसरों के लिए लिखते हैं. जिसे आपने भरी सभा में महाकवि बताया था, उसे इनबाॅक्स में परम चिरकुट बता रहे थे, यह फेसबुक वाले जानते हैं. अधिकतर हिंदी वालों के पास फेसबुक संपदा यही है- चंद हसीनों के खतूत और कुछ परांठों की फोटू.
सवाल- हसीनों के खतूत और परांठों की फोटू से तमाम आइटमों की मार्केटिंग वाले हमारे बारे में क्या जान सकते हैं?
जवाब- यही कि बंदा बहुत वड्डा वाला बेवकूफ है. इसे एक के साथ एक फ्री और सौ परसेंट डिस्काउंट वाले आइटम ठेले जा सकते हैं. इसे मंगल ग्रह पर प्लाॅट का आॅफर, चांद पर टूर कराने की स्कीम बेची जा सकती है.
इसे कई छिछोरात्मक आइटम बेचे जा सकते हैं. जैसे सुंदरी वशीकरण मंत्र, चालू बाबा का सुंदरी-सेटिंग तावीज, निर्मोल बाबा का सुंदरी-किरपा प्लान बेचा जा सकता है. छिछोरों और मूर्खों से तमाम आइटमों के सेल्समैनों को उम्मीदें होती हैं. बंदा अक्लमंद और चरित्रवान हो जाये, तो कई आइटमों की दुकान ही बंद हो जायेगी.

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