राम के आदर्शों को अपनायें

रामनवमी का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ संपन्न हो गया. राम भक्त हनुमान के छोटे-बड़े पताका और झंडों से सारा शहर भर जाता है. लाखों मीटर कपड़े इस काम में लगते हैं, जो लाखों नंगे बदन को ढकने के काम भी आ सकते थे. खैर, आखिर आस्था और पूजा के नाम पर यह सब तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 6:47 AM
रामनवमी का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ संपन्न हो गया. राम भक्त हनुमान के छोटे-बड़े पताका और झंडों से सारा शहर भर जाता है.
लाखों मीटर कपड़े इस काम में लगते हैं, जो लाखों नंगे बदन को ढकने के काम भी आ सकते थे. खैर, आखिर आस्था और पूजा के नाम पर यह सब तो मामूली बात है. हमें यह क्या सोचना नहीं चाहिए कि भगवान राम के आदर्शों और मूल्यों को हमने कितना अपनाया है. क्या हम सचमुच में थोड़ा भी अपने आचरण और चरित्र में उस मूल्यों को उतार पाये हैं? भगवान राम के आदर्शों को अपनाये बिना यह जुलूस और प्रदर्शन कितना सार्थक और सफल है, यह विचार करने की जरूरत है.
चारों ओर फैले हुए लूट-खसोट, व्यभिचार, हिंसा, हत्या, सत्ता और लोभ के लिए अत्याचार और अन्याय यह सोचने पर मजबूर करता है कि मात्र हम पूजा-पाठ का ढकोसला कर खुद को लज्जित कर रहे है. श्री राम के चरित्र और आचरण को हृदय में उतारने की कोशिश हमें करनी चाहिए, तभी हम सच्चे अर्थों में रामनवमी पर्व मनायेंगे.
युगल किशोर, इमेल से

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