शहीद के दस्तावेज
अभी-अभी देश ने शहीद भगत सिंह को याद किया, मगर उनसे जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया है, जबकि पाकिस्तान में 87 साल बाद फाइलों को सार्वजनिक किया गया. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने यह फैसला लिया. उनका बयान है कि भगत सिंह दोनों मुल्कों के स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, इसलिए यहां […]
अभी-अभी देश ने शहीद भगत सिंह को याद किया, मगर उनसे जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया है, जबकि पाकिस्तान में 87 साल बाद फाइलों को सार्वजनिक किया गया. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने यह फैसला लिया. उनका बयान है कि भगत सिंह दोनों मुल्कों के स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, इसलिए यहां के लोगों को उनके बारे में जानना चाहिए. पब्लिक डोमेन में जारी की गयी जानकारी में भगत सिंह को 27 अगस्त 1930 को न्यायालय के फैसले की कॉपी मांगने के साथ 31 मई 1929 को पिता से मुलाकात की याचिका शामिल है.
भगत सिंह के पिता द्वारा दाखिल याचिका भी शामिल है. 23 मार्च 1931 को जेल निरीक्षक द्वारा बनाये गये मृत्यु प्रमाण पत्र को भी सार्वजनिक किया गया है. क्यों हमारी सरकार को सामने लाने में कठनाई हो रही है? विडंबना है कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह को शहीद का दर्जा भी नहीं मिला है.
अवधेश कुमार राय, धनबाद