नजरिया बदलना होगा

हाल ही में एक खबर आयी कि आइटी इंजीनियर पति अपनी बीवी को इसलिए प्रताड़ित करता था, क्योंकि उसे रोटी 20 सेंटीमीटर गोल चाहिए. महिलाओं के सशक्तीकरण पर चाहे कितनी भी गोष्ठियां हो जाएं, नारेबाजी हो जाएं, पर महिलाओं के हालात में कोई खास सुधार नहीं होने वाला, क्योंकि हमारे समाज की सोच ही ऐसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2018 6:28 AM
हाल ही में एक खबर आयी कि आइटी इंजीनियर पति अपनी बीवी को इसलिए प्रताड़ित करता था, क्योंकि उसे रोटी 20 सेंटीमीटर गोल चाहिए. महिलाओं के सशक्तीकरण पर चाहे कितनी भी गोष्ठियां हो जाएं, नारेबाजी हो जाएं, पर महिलाओं के हालात में कोई खास सुधार नहीं होने वाला, क्योंकि हमारे समाज की सोच ही ऐसी है.
एक घरेलू महिला हो या कामकाजी महिला, अधिकतर महिलाएं मानसिक प्रताड़ना से त्रस्त है. इसकी सबसे बड़ी दोषी खुद महिलाएं हैं, जो महिला होती हुई भी बेटा-बेटी में भेद करती हैं, जो बेटी होने पर शोक मनाती हैं, जो बहुओं को बाई से ज्यादा नहीं समझतीं. समाज में सास शब्द को ही नकारात्मक नजरिये से देखा जाता है.
बदलाव के लिए हम महिलाओं को ही अपना नजरिया बदलना होगा. आज की पीढ़ी की महिलाओं से इतनी उम्मीद की जा सकती है कि वे अपनी सोच छोटी न रखें, अपने बेटों और बेटियों, दोनों को महिलाओं की इज्जत करना सिखाएं.
डॉ शिल्पा जैन, इमेल से

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