भय और घृणा की राजनीति

वर्तमान में देश बहुत ही कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. यह भय और घृणा की राजनीति का दौर है. पूरे भारत में जगह-जगह दंगे हो रहे हैं. यह बहुत ही अफसोसनाक बात है कि दंगे होते नहीं, राजनीतिक लाभ के लिए कराये जाते हैं, लेकिन हम नासमझ बने हुए हैं. पूरा भारत वर्ष डर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2018 12:37 AM
वर्तमान में देश बहुत ही कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. यह भय और घृणा की राजनीति का दौर है. पूरे भारत में जगह-जगह दंगे हो रहे हैं.
यह बहुत ही अफसोसनाक बात है कि दंगे होते नहीं, राजनीतिक लाभ के लिए कराये जाते हैं, लेकिन हम नासमझ बने हुए हैं. पूरा भारत वर्ष डर और नफरत के दायरे में आ गया है. हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ और मुसलमानों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काया जा रहा है. साजिशें रची जा रही हैं.
परस्पर भय और घृणा के भाव पैदा किये जा रहे हैं. यह स्थिति किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए भयावह है. इसमें सोशल मीडिया अहम भूमिका निभा रही है. सरकार, उच्चतम न्यायालय को चाहिए कि आइटी सेल के अंतर्गत फेसबुक और सोशल मीडिया पर इस प्रकार के चिह्नित फेसबुक ग्रुप को प्रतिबंधित किया जाये. इनमें नवयुवकों को जोड़ा जा रहा है और उनका ब्रेनवाॅश किया जा रहा है. ये लोग समाज और देश के दुश्मन हैं.
गुलाम गौस आसवी, धनबाद

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