जागरूकता बनाम ब्लड की कमी

विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट में यह पता चलता हैं की देश में खून की भारी कमी हैं. हर वर्ष खून की कमी से कितनी ही जाने चली जाती हैं, खासकर महिलाओं की. इसे जागरूकता से ही दूर किया जा सकता हैं. लोगों को यह समझना चाहिए कि खून देने से कमजोरी नहीं आती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2018 7:02 AM

विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट में यह पता चलता हैं की देश में खून की भारी कमी हैं. हर वर्ष खून की कमी से कितनी ही जाने चली जाती हैं, खासकर महिलाओं की. इसे जागरूकता से ही दूर किया जा सकता हैं.

लोगों को यह समझना चाहिए कि खून देने से कमजोरी नहीं आती है. कमजोरी आने की बात नितांत अंधविश्वास हैं. इसके लिए डाॅक्टरों को सामने आ कर जिम्मेवारी लेनी चाहिए. लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि रक्तदान स्वयं के शरीर के लिए भी उपयोगी है.

एक स्वस्थ व्यक्ति नियमित रूप से रक्तदान कर कैसे और अधिक स्वस्थ रह सकता है, यह जानकारी लोगों तक पहुंचायी जानी चाहिए. दूसरी बात कि खून की जरूरत किसी को कभी भी पड़ सकती हैं. जो लोग दूसरे को खून देने से कतराते हैं, उन्हे जब खुद इसकी आवश्यकता पड़ती हैं, तब वे रक्तदान करने का महत्व समझते हैं.

सीमा साही , बोकारो

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