जनता भी पेश करे अपना घोषणापत्र
मैं समझता हूं कि राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों से पहले जनता भी अपनी तरफ से घोषणापत्र पेश करे. इससे उसकी मन:स्थिति का सही-सही अंदाजा लगेगा. मैंने अपनी तरफ से कोशिश की है. मेरे घोषणापत्र का पहला मुद्दा है- सांप्रदायिकता के बिना राजनीति. यह तभी हो पायेगा, जब लोकतंत्र के चारों स्तंभों, विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और […]
मैं समझता हूं कि राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों से पहले जनता भी अपनी तरफ से घोषणापत्र पेश करे. इससे उसकी मन:स्थिति का सही-सही अंदाजा लगेगा. मैंने अपनी तरफ से कोशिश की है. मेरे घोषणापत्र का पहला मुद्दा है- सांप्रदायिकता के बिना राजनीति. यह तभी हो पायेगा, जब लोकतंत्र के चारों स्तंभों, विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और पत्रकारिता में तमाम जातियों-धर्मो एवं वर्गो को प्रतिनिधित्व मिले. दूसरा मुद्दा है -भ्रष्टाचाररहित भारत.
इसके लिए चारों स्तंभों को निष्पक्षता व पारदर्शिता बरतनी चाहिए और भ्रष्टाचार सिद्ध होते ही आरोपी को पद से हटा दिया जाना चाहिए. तीसरा मसला है- समान विकास का. गांवों में हर जरूरी सुविधा दी जाये. चौथा, उद्योगपतियों की तरह किसानों को भी अपने उत्पादों के मूल्य-निर्धारण का अधिकार होना चाहिए. पांचवां है, महिलाओं को उच्च स्थान और अधिकार मिलना चाहिए.
मोहम्मद, चंपारण