चीन की विदेश-नीति

चीन की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा की हकीकत की परतें अब खुलने लगी हैं. दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों के निर्माण कर रहा है. वहीं, वन बेल्ट वन रोड के ज़रिए वह संसार का सिकंदर बनने का सपना देख रहा है. पिछले सप्ताह चीन की वायुसेना का बयान आया कि उसने दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2018 6:50 AM
चीन की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा की हकीकत की परतें अब खुलने लगी हैं. दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों के निर्माण कर रहा है. वहीं, वन बेल्ट वन रोड के ज़रिए वह संसार का सिकंदर बनने का सपना देख रहा है.
पिछले सप्ताह चीन की वायुसेना का बयान आया कि उसने दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में सैन्य अभ्यास कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. इसके अलावे अलग-अलग हिस्सों मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ब्रूनेई जैसे देशों पर भी चीन अपना हक जताता है.
चीन की वायुसेना ने यह जानकारी दी है कि यह अभ्यास भावी युद्ध की बेहतर तैयारी का एक हिस्सा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संवैधानिक ताकत बढ़ाने के बाद चीन का पूरा ध्यान सेनाओं के आधुनिकीकरण पर है.
हालांकि चीन का कहना है कि उसका रवैया किसी के भी खिलाफ नहीं है. फिर भी भारत को सचेत रहने की जरूरत है. भारत को चीन की विदेश नीति को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाना चाहिए.
नुरेजा खातून, धनबाद

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