रेप और फांसी
रेप के खिलाफ कानून को और कड़ा बनाते हुए फांसी का प्रावधान किया गया है. अब आरोपी को जमानत भी नहीं मिल सकेगी. यह एक बहुत ही अच्छा कदम हैं. छोटी लड़कियों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में भारी इजाफा होना सचमुच चिंताजनक है. इतना ही नहीं पहले बलात्कार के इक्के -दुक्के मामलों में […]
रेप के खिलाफ कानून को और कड़ा बनाते हुए फांसी का प्रावधान किया गया है. अब आरोपी को जमानत भी नहीं मिल सकेगी. यह एक बहुत ही अच्छा कदम हैं.
छोटी लड़कियों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में भारी इजाफा होना सचमुच चिंताजनक है. इतना ही नहीं पहले बलात्कार के इक्के -दुक्के मामलों में पीड़िता की मौत की खबर आती थी, पर अब स्थिति इसके बिल्कुल उलट है.
ऐसे में रेप के मामलों में चाहे, पीड़िता किसी भी उम्र का हो, अदालत को फोरेंसिक गवाहों का इंतजाम करना चाहिए, ताकि पीड़िता की मौत के बाद भी मुजरिम को सजा मिल सके और किसी को झूठा मुकदमा करने की हिम्मत न हो. इससे अदालत का कीमती समय भी बचेगा, वरना सिर्फ फांसी का प्रावधान अधूरा है और कम ही उम्मीद हैं कि इससे घटनाओं पर अंकुश लगेगा.
सीमा साही, बोकारो