पराये हो गये पारा शिक्षक

झारखंड में पारा शिक्षक पराये हो गये हैं. इनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं. न तो उन्हें नियमित वेतन मिलता है और न ही कोई सरकारी सुविधा. फिलहाल पारा शिक्षक कोई अन्य काम करके अपने जीवन का गुजारा करने को मजबूर हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से पारा शिक्षक को जो भी काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2018 7:08 AM
झारखंड में पारा शिक्षक पराये हो गये हैं. इनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं. न तो उन्हें नियमित वेतन मिलता है और न ही कोई सरकारी सुविधा. फिलहाल पारा शिक्षक कोई अन्य काम करके अपने जीवन का गुजारा करने को मजबूर हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से पारा शिक्षक को जो भी काम दिया गया, वह बखूबी बेहतर तरीके से किया गया.
सरकार के द्वारा 2012 में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित किया गया, तो पारा शिक्षकों ने बेहतर उपस्थिति दर्ज की, लेकिन उन्हें जबरन आरक्षण देकर 50% सीट पर रोक दिया गया क्योंकि सामान्य वर्ग से पारा शिक्षक अधिक योग्यता रखते थे. सोशल मीडिया में पारा शिक्षकों के पैदल मार्च की चर्चा चल रही है. सरकार को तुरत ही इस बात का संज्ञान लेना चाहिए.
जो पारा शिक्षक सरकारी शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं, उन्हें नियमित कर देना चाहिए जिससे शिक्षकों में आशा की एक किरण जाग सके और समाज में सरकार का सकारात्मक संदेश जा सके.
सुजीत कुमार, गिरिडीह

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