रजिस्ट्री ऑफिस बेहतर बनें
जमीन–जायदाद या विवाह आदि की रजिस्ट्री आज हमारी जरूरत है. ऑनलाइन कई काम होने से अब यह काम पहले से आसान हुआ है, परंतु कार्यालयों की स्थिति में भी सुधार जरूरी है. आधार वेरिफिकेशन, फोटो वेरिफिकेशन आदि काम करा लेना युद्ध जीतने जैसा हो गया है. बाहर भीड़, अंदर भीड़, छोटे कार्यालय में छोटे व […]
जमीन–जायदाद या विवाह आदि की रजिस्ट्री आज हमारी जरूरत है. ऑनलाइन कई काम होने से अब यह काम पहले से आसान हुआ है, परंतु कार्यालयों की स्थिति में भी सुधार जरूरी है. आधार वेरिफिकेशन, फोटो वेरिफिकेशन आदि काम करा लेना युद्ध जीतने जैसा हो गया है. बाहर भीड़, अंदर भीड़, छोटे कार्यालय में छोटे व लंबे, मोटे व पतले पसीने से लथ-पथ लोग भेड़– बकरी की तरह ठूंसे हुए हैं.
अपने नाम पुकारे जाने के इंतजार में अत्यधिक चौकन्ने, उमस, कोलाहल, ठेलमठेल में बैठे हैं. निस्संदेह जनता और कर्मचारियों के लिए यह मुश्किल समय होता है. वहां के कर्मचारीगण तो इसी स्थिति में रहने के लिए अभिशप्त हैं.
आज जब हर क्षेत्र में विकास हो रहा है, तो रजिस्ट्री कार्यालयों की सूरत भी बदलनी चाहिए. रजिस्ट्री राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है. अत: संबंधित पदाधिकारियों से अनुरोध है कि देश के हर रजिस्ट्री ऑफिस की आधारभूत संरचना और व्यवस्था को ह्यूूमन फ्रेंडली बनाया जाये, जिससे रजिस्ट्री कराने और करने वालों के अंदर ‘फील गुड‘ फैक्टर का भाव उत्पन्न हो.
डॉ. उषा किरण, रांची