बाबाओं से सतर्कता जरूरी
देश में ऐसे बाबाओं, संतों, महात्माओं की कमी नहीं है, जो अपने शिष्यों की नजर में लगभग भगवान का स्थान पाकर भी घृणित कृत्यों को अंजाम देते रहते हैं. शिष्यों का समूह इन कथित धर्मगुरुओं के आभामंडल से इस कदर प्रभावित रहता है कि उनके बारे में कुछ भी नेगेटिव सुनने को तैयार नहीं होता. […]
देश में ऐसे बाबाओं, संतों, महात्माओं की कमी नहीं है, जो अपने शिष्यों की नजर में लगभग भगवान का स्थान पाकर भी घृणित कृत्यों को अंजाम देते रहते हैं. शिष्यों का समूह इन कथित धर्मगुरुओं के आभामंडल से इस कदर प्रभावित रहता है कि उनके बारे में कुछ भी नेगेटिव सुनने को तैयार नहीं होता. आसाराम की हवस का शिकार बनी उस नाबालिग लड़की की बात करें, तो उसका पूरा परिवार आसाराम में ऐसी श्रद्धा रखता था कि जब उस बच्ची ने आसाराम की गलत हरकतों की शिकायत की तो मां-बाप ने उसे डांट दिया. तारीफ होनी चाहिए उस लड़की के साहस की, जो मां-बाप की डांट के बावजूद न सिर्फ आसाराम के चंगुल से भाग निकली बल्कि अपने मां-बाप को भी अपनी सच्चाई का यकीन दिलाया और उन्हें यह लंबी, कठिन लड़ाई लड़ने को तैयार किया. अभिभावकों को चाहिए कि वे इन कथित संत-महात्माओं से नाबालिग बच्चों को दूर रखें.
डाॅ हेमंत कुमार, इमेल से