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सब्सिडी का खेल

खबरों की तह तक पहुंचने का शौक और सुबह में अखबारों का इंतजार एक आदत-सी बन गयी है. इन दिनों सूबे में बढ़ी बिजली दर अखबारों की हेडलाइंस बनी हुई है. जब खबरों में बिजली बिल पर सब्सिडी की बात आयी, तो लगा ‘वाह! क्या खबर है’. जानकारों ने शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के पहले स्लैब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2018 6:42 AM
खबरों की तह तक पहुंचने का शौक और सुबह में अखबारों का इंतजार एक आदत-सी बन गयी है. इन दिनों सूबे में बढ़ी बिजली दर अखबारों की हेडलाइंस बनी हुई है. जब खबरों में बिजली बिल पर सब्सिडी की बात आयी, तो लगा ‘वाह! क्या खबर है’.
जानकारों ने शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के पहले स्लैब की कुल वृद्धि 25 पैसों में लाकर मुस्कान बिखेर दी. मगर उस बढ़ोतरी का क्या होगा, जो 50 से 75 रुपये हो गया? इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी 20 पैसे प्रति यूनिट अलग से देने का प्रावधान है. यानी 100 यूनिट वाले शहरी उपभोक्ताओं को 25 रुपये बिजली के, 25 रुपये फिक्स्ड और 20 रुपये की ड्यूटी मिला कर कुल 70 रुपये अतिरिक्त बोझ उठाना होगा. उस पर डीबीटी के लफड़े अलग से. इन अप्रत्यक्ष शुल्कों का औचित्य क्या है, यह उपभोक्ता की समझ के परे है.
एमके मिश्रा, रातू, रांची

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