सिर्फ घोषणा न हो प्रक्रिया भी शुरू करें

तमाम उथल-पुथल व राजनीतिक उठापठक के बीच झारखंड में एक सुकून देनेवाली खबर आयी है. राज्य में 60 हजार पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. यह घोषणा कोई और नहीं बल्कि राज्य के मुखिया ने की है. निश्चय ही मुख्यमंत्री की इस घोषणा से राज्य के उन तमाम बेरोजगारों और उनके परिजनों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2014 5:14 AM

तमाम उथल-पुथल व राजनीतिक उठापठक के बीच झारखंड में एक सुकून देनेवाली खबर आयी है. राज्य में 60 हजार पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. यह घोषणा कोई और नहीं बल्कि राज्य के मुखिया ने की है. निश्चय ही मुख्यमंत्री की इस घोषणा से राज्य के उन तमाम बेरोजगारों और उनके परिजनों को राहत मिली होगी, जो वर्षो से नौकरी पाने की आस लगाये बैठे हैं.

लेकिन इन सबके बीच जो सबसे बड़ा सवाल है, वह है टाइम फ्रेम. मुख्यमंत्री की यह घोषणा तब आयी है, जब सरकार के पास काम करने के लिए बहुत कम समय है. हाल ही में राज्य में लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ है. आचार संहिता की वजह से कुछ महीनों तक राज्य में विकास का काम बंद रहा. नयी योजनाओं पर अमल नहीं हो सका. अब विधानसभा चुनाव की बारी है. अगर समय रहते और तय समय के बीच नियुक्ति प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की गयी, तो मामला एक बार फिर लटक सकता है.

इसलिए मुख्यमंत्री को चाहिए की वे इस मामले को प्राथमिकता के तौर पर लें और व्यक्तिगत रुचि लेकर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लायें. नहीं तो उनकी घोषणा सिर्फ फाइलों में ही सिमट कर रह जायेगी. कई विभागों ने नियुक्ति नियमावली तैयार कर ली है. लेकिन जहां नियमावली नहीं बनी है वहां अविलंब नियमावली बनाने का निर्देश दिया गया है. राज्य के युवा मुख्यमंत्री के लिए यह सुनहरा अवसर है कि वे युवाओं के बीच एक आदर्श और डायनेमिक सीएम के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकें. उनके पास मौका भी है और अवसर भी.

ऐसे में उनके सामने यह सबसे बड़ी चुनौती होगी कि कम समय में वे कैसे इसे अमलीजामा पहनायेंगे. बेरोजगारी किसी भी राज्य के लिए बड़ी समस्या होती है. और यह भी सच है कि इसे शत-प्रतिशत दूर नहीं किया जा सकता. हां, इतना जरूर है कि रोजगार के अवसर सृजन कर योग्यता अनुसार बेरोजगारों की बहाली कर इस पर काबू जरूर पाया जा सकता है. इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. राज्य में जितने रोजगार के अवसर मिलेंगे युवाओं को उतना ही लाभ मिलेगा. झारखंड के मुख्यमंत्री भी युवा हैं और युवाओं की भावनाओं को वे ज्यादा समझते होंगे, ऐसे में समय पर बहाली प्रक्रिया शुरू हो, यह उनके समक्ष बड़ी चुनौती है.

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