अब कोई बहाना नहीं चलनेवाला

अरसे बाद किसी एक दल को देश के मतदाताओं ने पूर्ण बहुमत दिया है. यह बदलाव सार्थक है, क्योंकि इससे नयी सरकार जनता के प्रति अधिक जवाबदेह होगी. इसमें कोई दोराय नहीं कि नयी सरकार से जनता की उम्मीदें अधिक होंगी. जन-मांगों पर सरकार यह तर्क देकर बच नहीं सकती कि सहयोगी दल इनके लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2014 5:27 AM

अरसे बाद किसी एक दल को देश के मतदाताओं ने पूर्ण बहुमत दिया है. यह बदलाव सार्थक है, क्योंकि इससे नयी सरकार जनता के प्रति अधिक जवाबदेह होगी. इसमें कोई दोराय नहीं कि नयी सरकार से जनता की उम्मीदें अधिक होंगी. जन-मांगों पर सरकार यह तर्क देकर बच नहीं सकती कि सहयोगी दल इनके लिए अभी तैयार नहीं हैं.

वैसे अच्छी बात यह भी है कि बात-बात पर सरकार गिराने की धमकी देने वाले क्षेत्रीय दल अब पांच साल तक खामोश और हाशिये पर रहेंगे. गंठबंधन धर्म की मजबूरी, न्यूनतम साझा कार्यक्र म जैसे राजनीतिक शब्द अगले पांच साल तक महत्वहीन साबित होंगे. नरेंद्र मोदी अपने चुनाव प्रचार में 60 साल बनाम साठ महीने की बात करते रहे हैं. जनता चाहेगी कि वह अगले पांच वर्षो में अपने इस कथन को सच साबित करें. राजनीति में कुछ भी बहुत जल्दी नहीं होता, लेकिन कुछ असंभव भी नहीं होता.

राकेश कुमार, पटना

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