बीजेपी 2014 के आम चुनावों में ‘बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’ नारों के साथ मनमोहन सरकार को कठघरे में खड़ा करती थी. लोगों ने उस पर भरोसा कर दिल खोलकर बहुमत दिया, ताकि महंगाई से मुक्ति मिल जाये. आज जनता उसी मोड़ पर खड़ी है. दिन प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई जेब पर भारी पर रही है, जिससे आम आदमी का दम घुटने लगा है.
पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, जिसका सीधा असर वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी के रूप में होता है. सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का भरोसा देती है, लेकिन उसकी तरफ कदम उठाती नजर नहीं आती है.
नेयाज अहमद, महनार (वैशाली)