एक मजबूत विपक्ष !

रहिमन प्रीत न कीजिए, जस खीरा ने कीन, ऊपर से दिल मिला, भीतर फांके तीन. राजनीतिक हलचलों के बीच कर्नाटक में कुमारस्वामी के सत्ताभिषेक समारोह में लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. मीडिया की तस्वीरों में दिखनेवाला ‘एका’ लगभग 1977 की जनता पार्टी जैसी ही थी, जहां हर शख्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2018 7:21 AM
रहिमन प्रीत न कीजिए, जस खीरा ने कीन, ऊपर से दिल मिला, भीतर फांके तीन. राजनीतिक हलचलों के बीच कर्नाटक में कुमारस्वामी के सत्ताभिषेक समारोह में लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करायी.
मीडिया की तस्वीरों में दिखनेवाला ‘एका’ लगभग 1977 की जनता पार्टी जैसी ही थी, जहां हर शख्स संभावित प्रधानमंत्री की हैसियत और मंसूबे लिये खड़ा था. एकजुटता का लक्ष्य विकास होना चाहिए, न कि विनाश. विपक्ष एक हो, संगठित हो और स्थायी हो, तभी लोकतंत्र के लिए अच्छी खबर हो सकती है.
तूफान में उड़े हुए तिनकों का जमा हो जाना, न तो किसी समस्या का समाधान हो सकता है, न ही अपेक्षित ताकतवर. इस देश को इन बिखरे तिनकों से बना एक मजबूत घोंसला चाहिए, जो अपनों के लिए आंधियों में भी अक्षुण बना रहे. तभी एक जवाबदेह सत्तापक्ष के सामने एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभायी जा सकेगी.
एमके मिश्रा, रांची

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