केजरीवाल पर भारी पड़े मोदी

21वीं सदी की राजनीतिक फलक पर दो नये चेहरे उभर कर आये, जिन्होंने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी़ भारत की राजनीति अब करवट ले रही है़ बदलाव की बयार चल पड़ी है. राजनीति के पुराने धुरंधर अब हाशिये पर हैं़ उभरते नये चेहरों के स्वागत में जनता-जर्नादन पलक पांवड़े बिछाये हुए है़ हम बात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2014 6:33 AM

21वीं सदी की राजनीतिक फलक पर दो नये चेहरे उभर कर आये, जिन्होंने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी़ भारत की राजनीति अब करवट ले रही है़ बदलाव की बयार चल पड़ी है. राजनीति के पुराने धुरंधर अब हाशिये पर हैं़ उभरते नये चेहरों के स्वागत में जनता-जर्नादन पलक पांवड़े बिछाये हुए है़ हम बात कर रहे हैं भाजपा के परिपक्व राजनीतिज्ञ नरेंद्र मोदी और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल की़ अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को पानी और बिजली के बिगड़े मिजाज को दुरुस्त करने की बात कर दिल्ली में कांग्रेस का तख्ता पलट दिया़ इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी विकास और बदलाव को मुद्दा बना कर कांग्रेस के होश फाख्ता कर दिये.

इन्होंने अपने जो तेवर दिखाये, जनता उनकी कायल हो गयी और ये नये चेहरे राजनीति के सितारे बन गय़े लेकिन, जन आंदोलन की उपज नये खिलाड़ी अरविंद केजरीवाल आम चुनाव में जनता की इच्छाओं को भांप न सके और उन्हें मुंह की खानी पड़ी़ वह अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोजित जन आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के कारण रातोंरात राजनीति की सुर्खियों में आये थे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल ज्यादा दिनों तक नहीं रह सका तो यह उनकी अपरिपक्वता व राजनीतिक अदूरदशिर्ता थी़ उन्होंने जनता के सामने अपनी कमजोरी प्रकट कर दी़ तब जिस जनता ने उन्हें हाथोंहाथ लिया था, उसी ने उन्हें अर्श से वापस फर्श पर पहुंचा दिया. जबकि नरेंद्र मोदी राजनीति के एक सिद्धहस्त खिलाड़ी ऐसे ही नहीं बऩे तमाम झंझावातों को ङोलते हुए संघर्षो में दिन गुजाऱे जिंदगी के उतार-चढ़ावों को उन्होंने जिस सहजता से ङोला, उसी के परिणामस्वरूप उन्होंने यह मुकाम पाया है.

प्रदीप कु शर्मा, बारीडीह, जमशेदपुर

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