अच्छे दिन का ख्वाब
देश में अजीब अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है, जहां ग्रामीण डाक विभाग के लोग हड़ताल पर पिछले सप्ताह से गये हुए हैं, वहीं पूरे देश के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी भी दो दिन से हड़ताल पर हैं. इससे आम जीवन प्रभावित हो गया है. जनता की किसी को फिक्र नहीं है, न ही […]
देश में अजीब अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है, जहां ग्रामीण डाक विभाग के लोग हड़ताल पर पिछले सप्ताह से गये हुए हैं, वहीं पूरे देश के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी भी दो दिन से हड़ताल पर हैं. इससे आम जीवन प्रभावित हो गया है.
जनता की किसी को फिक्र नहीं है, न ही उनकी समस्याओं से कुछ लेना-देना ही है. वहीं पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं.
पेट्रोल 16 दिनों में 380 पैसे महंगा करने के बाद 17वें दिन एक पैसा सस्ता किया गया. यह वास्तविकता है कि पेट्रोल-डीजल के दाम का सीधा संबंध आम आदमी के जीवन से है. इसका सीधा प्रभाव आम आदमी के दैनिक जीवन पर पड़ता है. उस पर एक पैसे की कमी महंगाई के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है. क्या इसी अच्छे दिन का ख्वाब दिखाया गया था?
गुलाम गौस आसवी, धनबाद