मूलभूत सुविधाओं का हाल बेहाल
झारखंड में बिजली की समस्या आम बात है. कई सरकारें आयीं और गयीं, लेकिन बिजली की समस्या का निराकरण नहीं हो सका. जब गरमी 42-43 डिग्री सेल्सियस को छू रही है, ऐसी परिस्थिति में लोग गरमी से बेहाल हैं. सरकार को कोई सुधि भी नहीं है. अगर राज्य के ऊर्जा मंत्री को गरमी का हाल […]
झारखंड में बिजली की समस्या आम बात है. कई सरकारें आयीं और गयीं, लेकिन बिजली की समस्या का निराकरण नहीं हो सका. जब गरमी 42-43 डिग्री सेल्सियस को छू रही है, ऐसी परिस्थिति में लोग गरमी से बेहाल हैं.
सरकार को कोई सुधि भी नहीं है. अगर राज्य के ऊर्जा मंत्री को गरमी का हाल जानना है, तो अपने कमरे में सिर्फ पांच मिनट पंखा, एसी बंद कर बैठें. अगर हमारा राज्य बिजली उत्पादित नहीं कर पा रहा है तो कोई नयी व्यवस्था क्यों नहीं की जाती! जल संकट पर भी सरकार जिम्मेवार नहीं दिखती. आये दिन अखबारों में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में जल संकट की खबरें छायी रहती हैं, लेकिन मानो सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. अगर सरकार जनता को बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पा रही है, तो उसके रहने या न रहने का क्या मतलब?
तन्मय बनर्जी, जमशेदपुर