बेरोजगारी और बढ़ती चोरियां
हर दिन कई जगहों पर चोरी और छिनतई की घटनाओं की खबरें आती हैं. अगर हम गंभीरतापूर्वक मंथन करें, तो पायेंगे कि समाज में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की फौज बढ़ रही है और साथ ही बढ़ रही हैं चोरी और छिनतई की घटनाएं. जरूर इनमें कोई गहरा संबंध हैं. हमारी शिक्षा-व्यवस्था का रोजगार-परख होना निहायत ही […]
हर दिन कई जगहों पर चोरी और छिनतई की घटनाओं की खबरें आती हैं. अगर हम गंभीरतापूर्वक मंथन करें, तो पायेंगे कि समाज में पढ़े-लिखे बेरोजगारों की फौज बढ़ रही है और साथ ही बढ़ रही हैं चोरी और छिनतई की घटनाएं. जरूर इनमें कोई गहरा संबंध हैं. हमारी शिक्षा-व्यवस्था का रोजगार-परख होना निहायत ही जरूरी हैं और यह समय की मांग भी है.
भारत एक युवा राष्ट्र है. अगर हम इस युवा शक्ति को सही तरीके से रूपांतरित नहीं करते हैं, तो यह विध्वंसक रूप ले लेगी और हम सबसे युवा राष्ट्र होने का दंभ भरते रह जायेंगे. सरकारों और समाज को यह गहराई से सोचना होगा कि भविष्य में हम सिर्फ बेरोजगारों की फौज तैयार करने वाली शिक्षा-व्यवस्था चाहते हैं कि रोजगारपरक. इसके लिए हमें अभी से लग जाना होगा .
सीमा साही, बोकारो