चीन दौरा की अहमियत

जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, भारत के वैश्विक संबंधों में विस्तार आया है. हालांकि चीन के साथ रिश्ते उतने अच्छे अब भी नहीं कहे जायेंगे. फिर भी मोदी ने डेढ़ महीने के अंदर चीन का तीसरा दौरा किया. इसके अपने मायने हैं. यह बात दीगर है कि कुछ खास लोगों को सरकार की यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2018 6:59 AM
जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, भारत के वैश्विक संबंधों में विस्तार आया है. हालांकि चीन के साथ रिश्ते उतने अच्छे अब भी नहीं कहे जायेंगे. फिर भी मोदी ने डेढ़ महीने के अंदर चीन का तीसरा दौरा किया. इसके अपने मायने हैं.
यह बात दीगर है कि कुछ खास लोगों को सरकार की यह नीति समझ में नहीं आती है. यह बात सही है कि कई बार चीन की बुरी नीति देखने को मिली. चाहे वह डोकलाम हो या पाकिस्तान को समर्थन देने की बात हो. दरअसल, दोनों देशों के संबंधों में कुछ अनसुलझी समस्याएं हैं. इसमें सबसे बड़ी समस्या सीमा विवाद और तिब्बत है.
मोदी सरकार इसे बातचीत के जरिये हल करने के सभी संभव प्रयास करने की पक्षधर है. प्रधानमंत्री मोदी के इस बार के चीन दौरे में जल समझौते पर फोकस है. चीन पर विश्वास थोड़ा कम किया जा सकता है, मगर मोदी के इन तीन दौरे से आपसी रिश्ते में सुधार की उम्मीद मजबूत हुई है, इसे स्वीकार करना चाहिए.
निलेश मेहरा, मधुपुर

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