शिक्षा जगत को अखाड़ा न बनायें मंत्री

पिछले दिनों झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति महामहिम सैयद अहमद ने राज्य के चार विश्वविद्यालयों विनोबा भावे, सिदो कान्हू, नीलांबर पीतांबर व कोल्हान के कुलपतियों की नियुक्ति की. ज्ञात हो कि झारखंड विवि अधिनियम के अनुसार राज्यपाल को कुलपतियों की नियुक्ति का पूरा अधिकार प्राप्त है. राज्य सरकार केवल सलाह ही दे सकती है. यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2014 5:14 AM

पिछले दिनों झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति महामहिम सैयद अहमद ने राज्य के चार विश्वविद्यालयों विनोबा भावे, सिदो कान्हू, नीलांबर पीतांबर व कोल्हान के कुलपतियों की नियुक्ति की. ज्ञात हो कि झारखंड विवि अधिनियम के अनुसार राज्यपाल को कुलपतियों की नियुक्ति का पूरा अधिकार प्राप्त है.

राज्य सरकार केवल सलाह ही दे सकती है. यहां यह बताना आवश्यक हो जाता है कि राज्यपाल ने जिन नामों की अनुशंसा की है, वे नाम देश भर से प्राप्त सैकड़ों आवेदनों को तीन साल तक शॉर्टलिस्ट करते हुए और सर्च कमिटी गठित करके सामने आये हैं. अब विडंबना देखिए कि झारखंड सरकार की शिक्षा मंत्री कहती हैं कि उन्हें ये नाम स्वीकार्य नहीं हैं. उनका कहना है कि स्थानीय उम्मीदवारों को ही कुलपति बनाया जाये. छात्रों पर अपनी बात थोप कर उनके भविष्य से खेलने का हक आपको किसने दिया?

सूरज कुमार, दीपाटोली, रांची

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