स्वच्छता की आदत घर से

कोई भी जब कहीं जाता है, तो उसे आस-पास की गंदगी अनिवार्य रूप से दिखती है. हर जगह हम कूड़े का ढेर पाते हैं. कितना भी स्वच्छता अभियान चला लें, जब तक हम अपनी आदतें नहीं बदलेंगे और छोटी-छोटी बातों का ध्यान नहीं रखेंगे, पूर्ण स्वच्छता की बात बिलकुल बेमानी है. हम यह भूल जाते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2018 7:51 AM

कोई भी जब कहीं जाता है, तो उसे आस-पास की गंदगी अनिवार्य रूप से दिखती है. हर जगह हम कूड़े का ढेर पाते हैं. कितना भी स्वच्छता अभियान चला लें, जब तक हम अपनी आदतें नहीं बदलेंगे और छोटी-छोटी बातों का ध्यान नहीं रखेंगे, पूर्ण स्वच्छता की बात बिलकुल बेमानी है. हम यह भूल जाते हैं कि बच्चों को कुछ सिखाने के लिए उन्हें खुद से वही करके दिखाना होगा क्योंकि बच्चे देखकर जल्दी सीखते है.

अगर बच्चे रास्ते या बाजार में कुछ भी खाकर जहां हैं वही फेंकते हैं, तो उन्हें रोकने या बताने की पहली जिम्मेदारी अपनी ही होती है. बच्चे अचेतन में कई गलतियां कर देते हैं और अभिभावक यह कह कर कि बच्चा है, छोड़ देते है. इसे बदलने की जरूरत हैं. अगर सरकार गंदा करने नहीं आती है, तो सफाई के लिए क्यों हम उसका मुंह ताके.

सीमा साही, बोकारो

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