सरकार का फैसला सही
गृह मंत्रालय ने रमजान के महीने में कश्मीर में लागू किये गये एकतरफा संघर्ष विराम को विस्तार न देने का जो फैसला किया है, वह बिल्कुल सही है. राज्य में अनुकूल माहौल मुहैया कराने के मकसद से रमजान के महीने में केंद्र सरकार द्वारा सीजफायर की घोषणा की गयी थी, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि […]
गृह मंत्रालय ने रमजान के महीने में कश्मीर में लागू किये गये एकतरफा संघर्ष विराम को विस्तार न देने का जो फैसला किया है, वह बिल्कुल सही है. राज्य में अनुकूल माहौल मुहैया कराने के मकसद से रमजान के महीने में केंद्र सरकार द्वारा सीजफायर की घोषणा की गयी थी, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि यह प्रयोग अपने घोषित उद्देश्यों में सफल रही हो.
इस दौरान घाटी में बीस से अधिक जानें गयीं, जिनमें कम-से-कम चौदह सेना के जवान थे. राइजिंग कश्मीर के संपादक पत्रकार शुजात बुखारी का कत्ल हो अथवा एक निहत्थे सैनिक औरंगजेब की आतंकियों द्वारा की गयी कायरतापूर्ण हत्या, ये दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं यह बतलाने के लिए काफी हैं कि पाकिस्तानपरस्त ये आतंकवादी सिर्फ गोलियों की भाषा समझते हैं.
सेना द्वारा चलाये जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट ने कश्मीर में, विशेषकर दक्षिण कश्मीर में, आतंकियों के मॉड्यूल्स को लगभग खत्म कर दिया था. सीजफायर की समाप्ति के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि सेना अब बेरोकटोक ऑपरेशन आल ऑउट को उसके अंजाम तक पहुंचा पायेगी.
चंदन कुमार, देवघर.