हिंदी को बढ़ावा
देश की राष्ट्रभाषा हिंदी होते हुए भी कई लोग अंग्रेजी को अधिक महत्व देते हैं. अंग्रेजी बोलने वाले खुद को उच्च समझते हैं. जहां कई सालों से लोग हिंदी बोलते आ रहें हैं, वहां हिंदी की स्थिति दयनीय है. आज कोई भी छात्र हिंदी माध्यम से नहीं पढ़ना चाहता. छात्रों में यह बात घर कर […]
देश की राष्ट्रभाषा हिंदी होते हुए भी कई लोग अंग्रेजी को अधिक महत्व देते हैं. अंग्रेजी बोलने वाले खुद को उच्च समझते हैं. जहां कई सालों से लोग हिंदी बोलते आ रहें हैं, वहां हिंदी की स्थिति दयनीय है. आज कोई भी छात्र हिंदी माध्यम से नहीं पढ़ना चाहता. छात्रों में यह बात घर कर गयी है कि अंग्रेजी माध्यम से ज्यादा अंक आते हैं.
हालांकि सरकार की ओर से यथासंभव प्रयास किया जा रहा है. सबसे पहला कदम प्रधानमंत्री द्वारा उठाया जा रहा है.प्रधानमंत्री हर जगह हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं, जिससे लोगों में हिंदी में प्रति लगाव बढ़ रहा है. उनका यह कदम सराहनीय है. सोशल मीडिया पर भी बहुत बड़े पैमाने पर हिंदी का प्रचलन देखने को मिल रहा है. जब सरकार प्रोत्साहित करने में लगी है, तो हम सभी को भी खुल कर हिंदी को बढ़ावा देना चाहिए.
निलेश कुमार मेहरा, इमेल से