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वाजिब हैं ये सवाल
सर्जिकल स्ट्राइक का फुटेज आने के बाद कांग्रेस एक बार फिर बीजेपी पर आक्रामक है. बीजेपी सर्जिकल स्ट्राइक को कड़ी सुरक्षा नीति का हिस्सा बताती है, जिसमें दुश्मन को उसके घर में घुस कर मारा गया. कांग्रेस कहती आयी है कि यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक की गयी. फर्क […]
सर्जिकल स्ट्राइक का फुटेज आने के बाद कांग्रेस एक बार फिर बीजेपी पर आक्रामक है. बीजेपी सर्जिकल स्ट्राइक को कड़ी सुरक्षा नीति का हिस्सा बताती है, जिसमें दुश्मन को उसके घर में घुस कर मारा गया. कांग्रेस कहती आयी है कि यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक की गयी.
फर्क सिर्फ यह है कि पहली बार इसका ढिंढोरा पीटा जा रहा है, क्योंकि बीजेपी इसका सियासी फायदा उठाना चाहती है, मगर सवाल यह भी है कि अब, जबकि हाल-फिलहाल कोई चुनाव सामने नहीं है, आखिर यह फुटेज क्यों जारी किया गया? क्या यह जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद सरकार के ठोस और सख्त इरादों को देश के सामने रखने के लिए लाया गया या फिर सिर्फ अरुण शौरी जैसे नेताओं के बयानों पर पानी फेरने के लिए?
क्या इसका मकसद 2019 से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार की सख्त छवि को और ज्यादा दुरुस्त करना है? क्या सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष के हमलावर तेवर उस पर भारी तो नहीं पड़ जायेंगे? ये सवाल वाजिब हैं और जवाब का इंतजार तो रहेगा ही.
डॉ हेमंत कुमार, गोराडीह, भागलपुर.
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