एक नया स्वतंत्रता संग्राम

सोशल मीडिया का हस्तक्षेप हमारे जीवन में इस कदर बढ़ गया हैं कि हमारी शिक्षा, कार्य क्षमता, सामाजिकता, वैवाहिक जीवन, बच्चों के संस्कार सब खतरे में पड़ गये हैं. दुनिया के 70 प्रतिशत देशों का सोशल मीडिया पर दिया गया समय हम भारतीयों द्वारा दिये गये समय से कम हैं. यही सच है कि सोशल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2018 7:33 AM
सोशल मीडिया का हस्तक्षेप हमारे जीवन में इस कदर बढ़ गया हैं कि हमारी शिक्षा, कार्य क्षमता, सामाजिकता, वैवाहिक जीवन, बच्चों के संस्कार सब खतरे में पड़ गये हैं. दुनिया के 70 प्रतिशत देशों का सोशल मीडिया पर दिया गया समय हम भारतीयों द्वारा दिये गये समय से कम हैं. यही सच है कि सोशल मीडिया लोगों को लती बना रही है और यह एक तरह से यह धूम्रपान और नशाखोरी के समान हैं. यह लत इसके यूजर के लिए तो भीषण खतरनाक है ही, देश-समाज के लिए भी अत्यंत खतरनाक है.
इसलिए सरकार ने कुछ कंपनियों को नोटिस जारी किया है कि अगर भारत उनके लिए बाजार उपलब्ध कराता है, तो इसका दुरुपयोग रोकने की जवाबदेही भी उन्हें लेनी होगी. न्यू याॅर्क, बेंगलुरु और दिल्ली में इंटरनेट डी-एडिक्शन सेंटर का खुलना अपने आप में बहुत कुछ कहता हैं. आइए, हम सोशल मीडिया के एडिक्शन के खिलाफ एक नया स्वतंत्रता संग्राम छेड़ें.
सीमा साही , बोकारो

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