सेवा की आड़ में कुकृत्य
सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा रांची में संचालित निर्मल हृदय में बच्चों की बिक्री का मामला चौंकाने वाला है. संस्था द्वारा पहले अविवाहित गर्भवतियों को अवैध तरीके से बालिग बताकर उनकी डिलीवरी करवायी गयी. फिर नवजातों को पैसों के लिए बेचा गया. रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए कई […]
सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा रांची में संचालित निर्मल हृदय में बच्चों की बिक्री का मामला चौंकाने वाला है.
संस्था द्वारा पहले अविवाहित गर्भवतियों को अवैध तरीके से बालिग बताकर उनकी डिलीवरी करवायी गयी. फिर नवजातों को पैसों के लिए बेचा गया. रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए कई नवजातों को मृत दिखाया गया, जबकि कई मामलों में बड़ी चालाकी से गर्भवतियों से लिखवा लिया गया कि वे स्वेच्छा से अपने बच्चों को ले जा रही हैं. सवाल उठता है कि अविवाहित गर्भवती कैसे बच्चों को अपने साथ ले जा सकती है?
अफसोस की बात है कि सेवा की आड़ में मिशनरियां राज्य में कई प्रकार के अवैधानिक कार्यों में लिप्त हैं. इन पर धर्मांतरण के आरोप लगते रहे हैं. दुमका के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में धर्मांतरण कराने आये 16 ईसाई प्रचारकों को वहां के ग्रामीणों के सहयोग से जेल भेजे जाने की घटना इसका इसका प्रमाण है. उम्मीद है कि राज्य में धर्म स्वतंत्रता कानून के लागू हो जाने के बाद धर्मांतरण के खेल पर लगाम लगेगा.
विद्या कर्ण, देवघर