समर्थन का मूल्य

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार puranika@gmail.com केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया, बाजरे का भी समर्थन मूल्य आ गया. फिल्म एक्टर तुषार कपूर और अभिषेक बच्चन भी समर्थन मूल्य की डिमांड कर सकते हैं सरकार से. बाॅबी देओल का भी दावा बनता है समर्थन मूल्य का. इनकी बाजार में कोई डिमांड नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2018 6:47 AM

आलोक पुराणिक

वरिष्ठ व्यंग्यकार

puranika@gmail.com

केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया, बाजरे का भी समर्थन मूल्य आ गया. फिल्म एक्टर तुषार कपूर और अभिषेक बच्चन भी समर्थन मूल्य की डिमांड कर सकते हैं सरकार से. बाॅबी देओल का भी दावा बनता है समर्थन मूल्य का. इनकी बाजार में कोई डिमांड नहीं है, इन्हें मूल्य चाहिए, सरकार दे.

पर सरकार क्या करेगी अभिषेक बच्चन और तुषार कपूर का. सरकार चावल-गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीद लेती है, कहीं खप नहीं पाते, तो ये पड़े रहते हैं स्टेशन पर. इसका मतलब यह है कि जिसे समर्थन दो, जिसे समर्थन मूल्य दो, उसकी इज्जत भी करो, ऐसा जरूरी नहीं है. शिवसेना भाजपा को समर्थन देती है, पर उसकी इज्जत भी करे, ऐसा जरूरी नहीं है.

खैर, तुषार कपूर, अभिषेक बच्चन को समर्थन मूल्य की गहरी जरूरत है. बहुत सारे एक्टरों को जरूरत है समर्थन मूल्य. टीवी में कई सीरियल आते हैं और ठप्प हो जाते हैं.

समर्थन मूल उन्हें भी चाहिए. सुभाष चंद्र बोस पर बना सीरियल नहीं चल पाता, तस्करी से लेकर नशेबाजी के आरोपों में घिरे संजय दत्त पर बनी फिल्म हिट हो जाती है. संजय दत्त को किसी के भी समर्थन की जरूरत नहीं है, पर सुभाष चंद्र बोस को समर्थन की जरूरत है. पब्लिक संजय दत्त को धुआंधार देखे जा रही है.

तरह तरह की नागिनों को भी किसी समर्थन की जरूरत नहीं हैं. शिवाजी पर बने एक सीरियल में पैसे की अड़चनें आने लगी थीं. पब्लिक का टेस्ट बहुत बदल गया है. संजय दत्त बिना समर्थन के धूम मचाये हुए हैं. सुभाष चंद्र बोस पर बने सीरियल को गहरे समर्थन की जरूरत है.

वस्त्र मुक्त अभिनय की प्रवीण अभिनेत्री सन्नी लियोनी के जीवन पर आधारित बायोपिक पिक्चर बन रही है. भरपूर समर्थन मिलेगा इसे. स्वतंत्रता संग्राम की एक नायिका हुई हैं झलकारी बाई, मैंने कई सीरियल निर्माताओं से निवेदन किया कि प्लीज झलकारी बाई पर सीरियल बनाओ.

सीरियल निर्माता बोले-अगर कोई नागिन नहीं है या कोई सन्नी लियोनी नहीं है, तो उस पर फिल्म या सीरियल तब ही बन सकती है, जब वह संजय दत्त हो. समर्थन ऐसे ही नहीं मिल जाता है. पर, िकसी को कोई भी समर्थन ऐसे ही नहीं मिलता, उसका मूल्य होता है.

शिवसेना ने भाजपा को समर्थन दिया है, उसका मूल्य यह है कि शिवसेना के नेता रोज भाजपा सरकार को हड़काते हैं. समर्थन मूल्य रोज मिलनेवाला गालियां हैं. भाजपा वाले जानते हैं कि शिवसेना की हिम्मत नहीं है कि सरकार से बाहर होकर मंत्री पद की कुरसियों से अपने विरोध की कीमत चुका दे.

धान-गेहूं के समर्थन मूल्य से पता चलता है कि गेहूं चावल के भाव निकालने में इस मुल्क को आफत आती है. सैकड़ों रुपये के पिज्जा-बर्गर के भाव एक बार में बीस-पच्चीस परसेंट तक बढ़ जाते हैं, पर ये धुआंधार बिकते हैं, बिना समर्थन मूल्य. इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि गेहूं उगाने का काम बेकार है, सिर्फ पिज्जा बेचने का काम करना चाहिए.

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