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राजनीति में अमर्यादित वक्तव्य
देश के नेता मर्यादाओं को ताक पर रख कर अभिव्यक्ति की आजादी का भरपूर दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्हें राष्ट्रहित की भी परवाह नहीं है. वे इस देश के भविष्य की कल्पना हिंदू पाकिस्तान के रूप में करते हुए भूल जाते हैं कि यह देश सदा से समानता के सिद्धांत पर कायम है. संविधान से […]
देश के नेता मर्यादाओं को ताक पर रख कर अभिव्यक्ति की आजादी का भरपूर दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्हें राष्ट्रहित की भी परवाह नहीं है. वे इस देश के भविष्य की कल्पना हिंदू पाकिस्तान के रूप में करते हुए भूल जाते हैं कि यह देश सदा से समानता के सिद्धांत पर कायम है.
संविधान से समानता के अधिकार को हटा देने का इरादा न किसी दल का हो सकता है, न यहां की जनता ऐसा होने देगी. उसी प्रकार महबूबा मुफ्ती की उक्ति कि पीडीपी को तोड़ने के प्रयास से अनेक सलाहुद्दीन जन्म लेंगे, एक मर्यादाहीन वक्तव्य है.
इंकलाब समाचारपत्र में उल्लिखित कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का वक्तव्य कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है, अलग विवाद पैदा करनेवाला है. अभी चुनाव दूर हैं, तब उद्विग्नता का यह हाल है. आगे की सहज कल्पना की जा सकती है. नेतागण यह भूल जाते हैं कि उनकी कुछ जिम्मेदारियां हैं और राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर ही उन्हें अपने विचार व्यक्त करने चाहिए.
आशा सहाय, इमेल से
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