मोदी चलें बाजार, विरोधी बोलें हजार

आखिरकार आ ही गयी अबकी बार मोदी सरकार. लोकसभा चुनावों के पूर्व विरोधियों-प्रतिद्वंद्वियों में से किस-किस ने नरेंद्र मोदी के बारे में क्या-क्या नहीं कहा! लेकिन हुआ वही जो जनता-जनार्दन को मंजूर था. धनबल, छलबल, बाहुबल, किसी की कुछ न चली. अत: यही कहा जा सकता है कि मोदी चले बाजार, विरोधी बोले हजार. चलो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2014 5:27 AM

आखिरकार आ ही गयी अबकी बार मोदी सरकार. लोकसभा चुनावों के पूर्व विरोधियों-प्रतिद्वंद्वियों में से किस-किस ने नरेंद्र मोदी के बारे में क्या-क्या नहीं कहा! लेकिन हुआ वही जो जनता-जनार्दन को मंजूर था. धनबल, छलबल, बाहुबल, किसी की कुछ न चली. अत: यही कहा जा सकता है कि मोदी चले बाजार, विरोधी बोले हजार. चलो अच्छा हुआ. कीचड़ में कमल खिला.

सुगंध बिखरेगी ही. विरोधी भी सौंदर्य-सुगंध से मुग्ध होंगे. छद्म जन-मसीहाओं, स्वार्थवादियों, दलबदलुओं और वोटकटवा किस्म के नेताओं को कोसते जी नहीं अघाता, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को मजाक बना कर रख दिया है. तथापि विजय तो सत्य की ही होती है, ऐसा इतिहास बताता है. प्रत्यक्ष परिणाम भी सामने है. बदलाव की लहर के बीच देश ने मोदी को चुना, अब जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की बारी मोदी की है.

प्रो लखन कु मिश्र, टाटीसिलवे, रांची

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