कैदियों की रिहाई का केंद्र का फैसला सराहनीय

केंद्र सरकार ने गैर जघन्य अपराध में जेल में बंद कैदियों को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर रिहाई करने का फैसला लिया है. यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. इसमें बहुत से ऐसे कैदी हैं, जिनका कोई जमानतदार नहीं है, नहीं तो वे जेल से बाहर होते. अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2018 7:51 AM
केंद्र सरकार ने गैर जघन्य अपराध में जेल में बंद कैदियों को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर रिहाई करने का फैसला लिया है. यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. इसमें बहुत से ऐसे कैदी हैं, जिनका कोई जमानतदार नहीं है, नहीं तो वे जेल से बाहर होते. अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे हैं.
आधे से अधिक कैदी विचाराधीन हैं. हमारे देश में कानूनी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि एक आम आदमी को न्याय पाना वीरत्व पाने जैसा है. इसके विपरीत धनवान और रसूख वालों को न्यायालय के दरवाजे पर पहुंचते ही जमानत मिल जाती है. इस स्थिति में सामूहिक रिहाई बहुत ही सार्थक पहल है. इससे कइयों का परिवार फिर से आबाद हो जायेगा. अभी जेल में लगभग 114% कैदी हैं. इस बात से कोई दो राय नहीं कि जेल में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है.
टीपू चौधरी, बल्लीपुर (समस्तीपुर)

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