..तो नेता उठायें उपचुनाव का खर्च
देश में अगले कुछ महीनों में फिर दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने निश्चित हैं. देश के दो धुरंधर नेता नरेंद्र मोदी और मुलायम सिंह यादव लोकसभा चुनाव में दो-दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़े और दोनों जगहों से जीते हैं. यानी देश फिर बेवजह दो उपचुनावों का आर्थिक भार उठाने को मजबूर होगा. इसे […]
देश में अगले कुछ महीनों में फिर दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने निश्चित हैं. देश के दो धुरंधर नेता नरेंद्र मोदी और मुलायम सिंह यादव लोकसभा चुनाव में दो-दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़े और दोनों जगहों से जीते हैं. यानी देश फिर बेवजह दो उपचुनावों का आर्थिक भार उठाने को मजबूर होगा.
इसे देश के अग्रणी नेताओं की अदूरदर्शिता कहें या जनता का समर्थन ना मिलने की आशंका? आर्थिक मंदी, महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, कुपोषण आदि विशाल समस्याओं से जूझते देश के नेतृत्ववर्ग को आज यह चिंतन तो जरूर करना चाहिए कि दो सीटों से चुनाव जीतने पर एक सीट छोड़ने की संवैधानिक बाध्यता के कारण होने वाले उपचुनाव के आर्थिक बोझ की जिम्मेवारी उस विजयी प्रत्याशी या राजनैतिक पार्टी को उठानी चाहिए, जिसकी वजह से उपचुनाव का बोझ जनता के ऊपर आ रहा है.
राजकुमार व्यास, कोलकाता