विलुप्त होते सूक्ष्म-लघु उद्योग

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री द्वारा संसद में पेश विधेयक के अनुसार अब इन उद्योगों को प्लांट एवं मशीनरी की बजाय टर्न ओवर के आधार पर वर्गीकरण सूक्ष्म-लघु उद्योगों के विलुप्ति का कारण बन सकता है. नयी परिभाषा में सूक्ष्म उद्यम वे होंगे जिनका टर्न ओवर पांच करोड़ या उससे कम होगा तथा लघु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2018 7:38 AM
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री द्वारा संसद में पेश विधेयक के अनुसार अब इन उद्योगों को प्लांट एवं मशीनरी की बजाय टर्न ओवर के आधार पर वर्गीकरण सूक्ष्म-लघु उद्योगों के विलुप्ति का कारण बन सकता है. नयी परिभाषा में सूक्ष्म उद्यम वे होंगे जिनका टर्न ओवर पांच करोड़ या उससे कम होगा तथा लघु उद्यमों के लिए यह सीमा 75 करोड़ है. वर्तमान 98 प्रतिशत उद्योगों का टर्न ओवर 15 करोड़ या उससे कम है, ऐसे में इस विधेयक का आना सरकार की विवेकशून्य नीति को दर्शाता है.
सरकार द्वारा सूक्ष्म-लघु उद्योगों की ओर कम रुझान, अपेक्षा के अनुरूप वित्तीय सहायता न मिलना एवं इन उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं के लिए बाजार की अनुपलब्धता सूक्ष्म-लघु उद्योगों को अपरिभाषित कर देगा. सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है वरना इन उद्योगों के विलुप्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
सीताराम टुडू, साहेबगंज

Next Article

Exit mobile version