मुजफ्फरपुर व देवरिया मामलों की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया गया है. हर बार की तरह निचले स्तर के अपराधियों को तो पकड़ लिया जायेगा, पर बड़ी मछलियां छूट जायेंगी.
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जांच स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से हों. इन सेक्स रैकेट्स के मुख्य कर्ता-धर्ता जेल पहुंच चुके हैं, लेकिन सीबीआइ को पता लगाना होगा कि इनके ग्राहक कौन-कौन थे?
जरूरी यह है कि हमारा शासन-प्रशासन बाल अधिकारों के संरक्षण को लेकर ज्यादा सजग बने. अमेरिका में तो सरकार बच्चों को उनके माता-पिता की करतूतों से भी बचाती है, लेकिन भारत में जहां-तहां बच्चों का शोषण होता रहता है. सरकारें तर्क दे सकती हैं कि उनके पास ऐसे तमाम बच्चों की देखभाल के लायक पर्याप्त संसाधन नहीं है, लेकिन समस्या संसाधनों के अभाव के बजाय इच्छाशक्ति की कमी की है.
डॉ हेमंत कुमार, गोराडीह, भागलपुर