सब्सिडी बंद हो

देश में युगों से चली आ रही कुरीतियों में सब्सिडी की व्यवस्था जैसी राजनीतिक कुरीति भी शामिल है. सब्सिडी एक तरफ हाथ घुमा कर नाक छूती है, तो दूसरी तरफ फायदे-नुकसान का राजनीतिक हथियार भी है. सरकारें हमारे पैसों पर पहले टैक्स वसूलती है. फिर हमें रियायतें दे कर अपनी पीठ थपथपा लेती है. गैस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2018 5:50 AM
देश में युगों से चली आ रही कुरीतियों में सब्सिडी की व्यवस्था जैसी राजनीतिक कुरीति भी शामिल है. सब्सिडी एक तरफ हाथ घुमा कर नाक छूती है, तो दूसरी तरफ फायदे-नुकसान का राजनीतिक हथियार भी है. सरकारें हमारे पैसों पर पहले टैक्स वसूलती है. फिर हमें रियायतें दे कर अपनी पीठ थपथपा लेती है.
गैस सब्सिडी महंगाई के असर को कम करने का कारगर तरीका है, मगर कुछ दिन पहले सक्षम लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की गुजारिश की गयी. फिर कुछ बड़ी आय वालों पर चाबुक चलाने की कोशिश की गयी थी, जबकि संसद की कैंटीन में माननीयों को मिलने वाली रियायत पर सभी खामोश हो जाते हैं.
देशहित में हमारे सक्षम माननीय महंगी थालियों पर मिलने वाली सब्सिडी क्यों नहीं गिव-अप कर देते हैं? बेशक हमारी सब्सिडी बंद हो जाये, मगर ऐसी सभी कुरीतियों पर गहराई से सोचने की जरूरत है.
एमके मिश्रा, रातू, रांची

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